पेनिस में ढीलापन क्यों आता है-पेनिस का कमजोर होना
जानिए पेनिस में ढीलापन क्यों आता है और पेनिस के कमजोर होने के कारण, लक्षण, और प्रभावी इलाजों के बारे में।
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Dr. Ali
12/30/20231 min read
स्तंभन दोष के लिए वैकल्पिक शब्द हैं नपुंसकता, स्तंभन विफलता, स्तंभन दोष, यौन अपर्याप्तता, यौन कमजोरी, कम स्तंभन, स्तंभन में कमी, संभोग में विफलता, यौन अक्षमता, सेक्स करने में असमर्थता यानी संभोग, स्तंभन समस्या, नपुंसकटा, लिंग की कम कठोरता, ढीलापन सेक्स के बीच में या प्रवेश से पहले लिंग का फटना, ई.डी., ईडी, आदि।
पुरुष के "पुरुषत्व" का प्रतीक खड़ा लिंग है। यह मर्दानगी का प्रतिनिधित्व करता है और एक पल की सूचना पर प्रदर्शन के लिए तैयार होने की उम्मीद की जाती है।
जब मनुष्य स्तंभन दोष से पीड़ित होता है तो यह एक बड़े झटके के रूप में आता है, जब अचानक उसकी मर्दानगी का प्रतीक प्रतिक्रिया नहीं देता है। आमतौर पर इसका मतलब उस आदमी के लिए इस साधारण तथ्य से कहीं अधिक है कि वह उस समय यौन प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। यह उसे एक पर्याप्त पुरुष के रूप में उसकी स्थिति पर सवाल उठाने का कारण बनता है। इस प्रकार जब वह असफल होता है तो घबरा जाता है।
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की दो कैटेगरी होती है। पहला प्राइमरी और दूसरा सैकेंडरी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन।
प्राइमरी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन एक ऐसी विकट स्थिति हैं जिसमें व्यक्ति पहले दिन से ही इरेक्शन बनाए रखने में असमर्थ था। यह स्थिति बहुत कम होती है।
सैकेंडरी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन में इरेक्शन पहले हो रहा था लेकिन अब किन्हीं कारणों से इरेक्शन नहीं हो पा रहा है। इसे दवा व अच्छी जीवनशैली करके सही किया जा सकता है।
नपुंसकता की गंभीरता: इसके कई रूप हो सकते हैं जैसे:
यानी कुछ पुरुषों को बिल्कुल भी स्तंभन प्राप्त नहीं होता है। दूसरों के लिए, इरेक्शन नियमित तरीके से हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे प्रेम का खेल जारी रहता है इरेक्शन ख़त्म हो जाता है। अन्य लोगों के लिए, जैसे ही प्रवेश पर विचार किया जाता है या प्रयास किया जाता है, इरेक्शन गायब हो जाता है। कुछ के लिए, प्रवेश के बिंदु से परे इरेक्शन बनाए रखा जा सकता है, और फिर योनि के अंदर गतिविधि की अवधि के बाद कम हो सकता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इरेक्शन कब चला जाता है, इसका नुकसान हमेशा परेशान करने वाला होता है। रोगी निराश, उदास, शर्मिंदा महसूस करता है, उसका आत्म-सम्मान कम हो गया है और यहां तक कि उसके पारिवारिक रिश्ते भी ख़राब हो सकते हैं।
Erectile dysfunction meaning in hindi
पेनिस में ढीलापन क्यों आता है?
पेनिस में ढीलापन के मनोवैज्ञानिक या शारीरिक या फिर दोनों ही कारण हो सकते हैं। इरेक्शन में पुरूष के मस्तिष्क,रक्त वाहिकाएं, हार्मोन मांसपेशियां, और नसें शामिल होती हैं। इनमें से किसी एक में भी समस्या उत्पन्न होने पर इरेक्टाइल डिसफंक्शन की स्थिति पैदा हो सकती है।
पेनिस में ढीलापन के शारीरिक कारण:
शारीरिक कारणों में मुख्य रूप से रक्त प्रवाह और रक्तचाप संबंधी रोग इसके कारण हो सकता है। हृदय रोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, स्लीप एपनिया , एथेरोस्क्लेरोसिस, बीपी जैसी शारीरिक स्थितियां लिंग के रक्त प्रवाह को प्रभावित करती हैं।
पेनिस में ढीलापन के मनोवैज्ञानिक कारणः
इसमें स्ट्रेस, चिंता, डिप्रेशन, रिश्तों में अपनेपन की कमी,सेक्स परफॉरमेंस को लेकर टेन्शन, पोर्न की लत, आदि कारण हो सकते हैं।
पेनिस में ढीलापन के कुछ अन्य कारण-:
शराब आदि नशों का अधिक सेवन, व्यायाम न करना, खराब खानपान, पेल्विस की सर्जरी या प्रोस्टेट कैंसर का उपचार करने वाली प्रोस्टेट सर्जरी, रीढ़ की हड्डी या पेल्विक में चोट,कैंसर से पीड़ित होना, कैंसर का उपचार, टेस्टिकुलर फेलियर और पिट्यूटरी ग्रंथि संबंधित समस्याएं।
पेनिस में ढीलापन स्थायी होता है क्या ?
पेनिस में ढीलापन स्थायी समस्या नहीं है। पेनिस में ढीलापन का इलाज इसके कारणों पर काफी हद तक निर्भर करता है। एक बार कारण का पता लग जाये तो इसका इलाज आसन हो जाता है।
पेनिस में ढीलापन के लक्षण एकदम से नहीं दिखते हैं, धीरे-धीरे इसका असर दिखने लगता है। सेक्स के दौरान इरेक्शन और पेनिट्रेशन न होना पेनिस में ढीलापन की पहचान है। इसके अलावा,
पेनिस में ढीलापन से पीड़ितपुरुष निम्न लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं:-
यौन इच्छा में कमी
लिंगे में उत्तेजना लाने में परेशानी
समय से पहले स्खलन
स्खलन में देरी
सेक्सुअली संतुष्ट नहीं होना
इंटरकोर्स के दौरान उत्तेजना को बनाए रखने में परेशानी होना
पेनिस में ढीलापन के लक्षण
शारीरिक टेस्टः लिंग और अंडकोष के साथ पुरे शरीर का चेक अप किया जाता हैं।
ब्लड टेस्टः डायबिटिज, कम टेस्टोस्टेरोन लेवल, कोलेस्ट्रॉल, थाइरोइड और अन्य टेस्ट किये जाते है।
यूरिन टेस्टः इन्फेक्शन, डायबिटिज, या किडनी की बीमारी के बारे में पता करने के लिए की जाता है।
अल्ट्रासाउंडः लिंग के रक्त प्रवाह से जुड़ा विकार जांचने के लिए यह जांच की जाती है।
यदि आप इनमें से कुछ समस्याओं से पीड़ित हैं तो इसका मतलब है कि आपको उपचार की आवश्यकता है।
मैं अपनी
पेनिस में ढीलापन के कारण निराश महसूस करता हूँ,
मेरी इरेक्शन समस्या मुझे उदास महसूस कराती है,
अपनी
पेनिस में ढीलापन के कारण मैं स्वयं को कम पुरुष जैसा महसूस करता हूँ,
मैंने अपनी यौन क्षमता पर विश्वास खो दिया है।
मुझे चिंता है कि मैं इरेक्शन पाने या बनाए रखने में सक्षम नहीं हो पाऊंगी।
मुझे लगता है कि मेरा इरेक्शन पर नियंत्रण नहीं है
मुझे अपने यौन जीवन के भविष्य की चिंता है,
पेनिस में ढीलापन के कारण मैंने सेक्स का आनंद खो दिया है
मैं सेक्स करने से बचने की कोशिश करता हूँ,
मुझे चिंता है कि मैं अपनी इरेक्शन समस्या के कारण उसे संतुष्ट नहीं कर पा रहा हूं
उपरोक्त प्रश्नावली यह तय करेगी कि आपकी समस्या महत्वपूर्ण है या नहीं, यदि किसी एक प्रश्न का उत्तर हाँ है तो आपको व्यक्तिगत रूप से या ऑनलाइन माध्यम से हमसे परामर्श करना चाहिए और अपनी सेक्स समस्या का इलाज पाना चाहिए।
Risk Factors of Erectile Dysfunction in Hindi
पेनिस में ढीलापन के खतरे को बढ़ाने वाले कारक हैं:-
मोटापा
डायबिटीज
धूम्रपान करना
हाई ब्लड प्रेशर
हाई कोलेस्टेरोल
मेटाबोलिक सिंड्रोम
तंबाकू का सेवन करना
पेनिस में ढीलापन के लिए टेस्ट
पेनिस में ढीलापन का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है। कारणों को देखते हुए डॉक्टर आपको जीवनशेली में बदलाव के साथ कुछ दवाइयां दे सकते हैं।
पेनिस में ढीलापन की दवा
ओरल मेडिकेशनः ये दवाएं शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाती हैं, जिससे लिंग में रक्त का प्रवाह ज्यादा होता है। सिल्डेनाफिल (Sildenafil) टेडलाफिल (Tadalafil) वार्डेनफिल (Vardenafil) अवैनफिल (Avanafil)
अन्य दवाये: एलप्रोस्टेडिल सेल्फ इंजेक्शन, और एल-आर्जिनिन आदि शामिल हैं।
टेस्टोस्टेरोन उपचारः जिनमें टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण पेनिस में ढीलापन हैं। इसकी पूर्ति इंजेक्शन या एक पैच लगाकर की जाती है।
पेनिस में ढीलेपन के अन्य इलाज
मनोवैज्ञानिक सलाहः जिन पुरूषों को चिंता, स्ट्रेस की समस्या है उन्हें उचित सलाह एवम कुछ मनोवैज्ञानिक तकनीक(CBT) सिखाई जाती है।
पेनाइल इम्प्लांटेशनः ये एक सर्जिकल प्रक्रिया है ये सभी प्रकार के दूसरे उपचार असफल होने पर ही किया जाता है।
पेनिस में ढीलेपन के लिए सबसे अच्छा विटामिन कौन सा है?
शरीर में जब कुछ ख़ास प्रकार के विटामिन की कमी से पुरुष में नपुंसकसता की शिकायत पैदा हो सकती है। इन विटामिन की मात्रा को बढ़ाकर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को दूर किया जा सकता है:
एल-अर्गिनीन और पिक्नोगेनोल: ये विटामिन लिंग में रक्त प्रवाह को बढाने में मदद करते हैं।
जिंक: यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।
डिहाइड्रोएपियनड्रोस्टेरोन (डीएचईए): यह रक्त धमनियों को उत्तेजित करके पेनिस के ढीलेपन में सुधार करता है।
फ्लेवोनोइड युक्त खाद्य पदार्थ: सेब, संतरा, स्ट्रॉबेरी, प्याज, केला
आदि फलो का सेवन करने से पेनिस में ढीलेपन के उपचार में मदद मिलती है।
पेनिस में ढीलेपन के इलाज
शिलाजीत
इसमें काम उत्तेजना को बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं। सेक्सुअल कमजोरी को दूर करने के लिए शिलाजीत का इस्तेमाल अश्वगंधा के साथ किया जाता है।
टोंगकट अली
इसको एशिया का व्याग्रा के रूप में भी जाना जाता है। इस का इस्तेमाल सेक्स करने की इच्छा और सेक्सुअल एक्टिविटी को बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह पेनिस में ढीलेपन की समस्या को दूर करने के लिए काफी उपयोगी माना जाता है।
अश्वगंधा
सेक्स की उत्तेजना और स्पर्म के उत्पादन को बढ़ाता है और यौन कमजोरी जैसे की बांझपन को दूर करता है।
Bindii (Tribulus Terrestris)
इस दवा का इस्तेमाल करने से इरेक्शन मजबूत होता है और सेक्सुअल ड्राइव बढ़ती है।
च्यवनप्राश
यह बहुत सी जड़ी बूटियों के मिश्रण से बना है जिसकी वजह से यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या को दूर करने में सहायक होता है।
गोक्षुरा
गोक्षुरा से टेस्टोस्टेरोन और शुक्राणुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है। इसे पेनिस में ढीलेपन को नियंत्रित करने में असरकारी माना गया है।
शतावरी
शतावरी में कामोत्तेजक गुण होते हैं जो कि पुरुषों और महिलाओं दोनों पर असर करती है।
तुलसी के बीज
तुलसी के बीज पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से इन बीजों का सेवन करने से पेनिस में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और पेनिस में ढीलेपन की समस्या दूर होती है। रात को एक गिलास पानी में एक चम्मच तुलसी के बीज भिगोएं। सुबह इस पानी को पी लें और बीजो को चबाकर खा लें।
सफेद मूसली
सफेद मूसली के सेवन से पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का स्तर बढ़ता है। यह सेक्स पावर को बढ़ाने और पेनिस में ढीलेपन से छुटकारा पाने के लिए एक बेहतरीन जड़ी-बूटी है। एक चम्मच मूसली पाउडर को मिश्री और गाय के घी के साथ मिक्स करके खाएं।
सॉ पाल्मेटो
इस जड़ी बूटी का उपयोग पेनिस में ढीलेपन के इलाज और शुक्राणुओं की संख्या में सुधार करने के लिए भी किया जाता है.
सहजन
एक कप दूध में मुठी भर सहजन के फूल डालें और रोजाना तीन महीने तक इस मिश्रण को पीएं.
जामुन की गुठली
गुठली को अच्छे से पीसकर उसका चूर्ण तैयार कर लें और इसका एक चम्मच सुबह-शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें| य
सफेद प्याज
सुबह और शाम एक चम्मच प्याज़ के रस में शहद या मिश्री का मिक्स करके नियमित रूप से सेवन करना लाभकारी रहता है|
श्यामा तुलसी और सफेद मुसली
15 ग्राम तुलसी बीज के साथ 30 ग्राम मुसली चूर्ण मिश्रण करके सुबह खाली पेट देसी गाय के दूध के साथ सेवन करना काफी फायदेमंद रहता है|
हल्दी
सुबह खाली पेट आधा चम्मच हल्दी चूर्ण में एक चम्मच शहद मिलाकर नियमित रूप से सेवन करना चाहिए
मसाज: खास आयुर्वेदिक तेलों के साथ पूरे शरीर की नियमित मालिश पेनिस में ढीलेपन का इलाज करने में मदद करेगी|
पेनिस में ढीलेपन दूर करने की दवा आयुर्वेदिक
लहसुन
लहसुन में एलिसिन (Allicin) नामक तत्व पाया जाता है जो लिंग में रक्त के प्रवाह को बढाता है। रोजाना सुबह खाली पेट दो कलियों को चबा कर खाने से स्तंभन दोष में लाभ मिलता है।
इसकी दो से तीन कलियों को मक्खन में भून कर भी खा सकते हैं।
एक चम्मच लहसुन का पाउडर सोने से पहले एक गिलास पानी के साथ सेवन करें। इससे पेनिस में ढीलेपन की समस्या से छुटकारा मिलता है।
गाजर
गाजर का सलाद या इसका चूर्ण बना लें और एक गिलास दूध के साथ 2 बड़े चम्मच गाजर का चूर्ण रोजाना सोने से पहले दूध से सेवन करें।
अदरक
एक उबले अंडे में एक चम्मच शहद और आधा चम्मच अदरक का चूर्ण मिलाएं। एक महिना रात में सोने से पहले इसका सेवन करें।
अनार
रोजाना ताजे अनार का ज्यूस पीने से शरीर में नाइट्राइट ऑक्साइड (Nitrite oxide) की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पेनिस में ढीलेपन की समस्या से राहत मिलती है।
बादाम
मुट्ठी भर ‘बादाम’ दूध या पानी में भिगो कर रख दें और सोने से पहले अच्छी तरह से चबाएं।
प्याज
एक बड़े प्याज को बारीक काट कर अच्छी तरह से भूनें। सुनहरा हो जाने पर इसका सेवन करें।
एक प्याज को काटकर पानी में 10 से 15 मिनट तक उबालें। ठंडा हो जाने के बाद एक कप पानी पी लें। एक महीने तक इसको इस्तेमाल करें।
पेनिस में ढीलेपन दूर करने के उपाय
Ling tight karne ke liye tel
अगर आपका भी लिंग टाइट नही होता हैं. आप भी सेक्स के दौरान जल्दी डिस्चार्ज हो जाते हैं. या फिर टाइट होने से पहले ही आपका निकल जाता हैं. तो ऐसे में आप अपने ढीलेपन से छुटकारा पाने के लिए नीचे दिए गये तेल लगा सकते हैं.
तिल का तेल लगाये
अगर आपका लिंग टाइट नही होता हैं, तो आपको तिल का तेल लगाना चाहिए। इससे आपके लिंग में सख्ती आती हैं और लिंग की मांसपेशियों को ताकत मिलती हैं.
अगर आपको भी पेनिस में ढीलेपन हैं तो रोजाना हलके हाथ तिल के तेल से मालिश करनी चाहिए। यह मालिश आपको रोजाना एक महीने तक करना हैं, यह उपाय करने से आपका लिंग टाइट होने लगेगा और टाइट नही होने की समस्या से आपको छुटकारा मिलेगा.
बादाम का तेल लगाये
बादाम का तेल बहुत पोषण देने वाला माना जाता हैं। बादाम का तेल लिंग पर मालिश करने से लिंग की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती हैं तथा लिंग का रक्त प्रवाह बेहतर बनता हैं।
अगर आप कुछ दिन तक लगातार बादाम के तेल से लिंग की मालिश करते हैं. तो इस उपाय से आपका लिंग टाइट होने लगता हैं।
वीच हेजल तेल लगाये
विच हेजल तेल भी लिंग टाइट करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता हैं। यह तेल आयुर्वेदिक जड़ी बुट्टी से बनाया जाता हैं. इससे आपको बहुत ही अच्छा टाइट इफ़ेक्ट मिलता हैं.
रोजाना दिन में एक बार इस तेल से हलके हाथ से लिंग की मालिश करनी चाहिए। अगर आप कुछ दिन इस तेल से मालिश करते हैं तो आपको पेनिस में ढीलेपन की समस्या से छुटकारा मिलता हैं।
ईडी (स्तंभन दोष) उपचार का भविष्य
ईडी से पीड़ित लोगों की मदद के लिए डॉक्टरों के पास उपचार हैं, लेकिन सभी उपचार हर किसी के लिए काम नहीं करते हैं। कुछ लोग इनका उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि इनके दुष्प्रभाव या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। वैज्ञानिक इन लोगों की मदद के लिए नए तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं।
आइए इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी) नामक समस्या से पीड़ित लोगों की मदद करने के नए तरीकों के बारे में जानें। हम उन उपचारों के बारे में बात करेंगे जो पहले से ही उपयोग में हैं, साथ ही कुछ अच्छे नए उपचार भी जो भविष्य में उपलब्ध हो सकते हैं।
वैज्ञानिक उन लोगों की मदद करने के लिए विभिन्न तरीकों की जांच कर रहे हैं जिनके निजी अंगों में परेशानी है।
स्टेम सेल थेरेपी
स्तंभन दोष (ईडी) के लिए स्टेम सेल थेरेपी में लिंग में स्टेम सेल इंजेक्ट करना शामिल है। जानवरों पर अध्ययन और मनुष्यों पर चरण I के अध्ययन ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं, जो दर्शाता है कि यह ईडी के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार हो सकता है। हालाँकि, इसकी दीर्घकालिक प्रभावशीलता और सुरक्षा को निर्धारित करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। वर्तमान में, ईडी के इलाज के लिए स्टेम सेल थेरेपी स्वीकृत नहीं है, और अन्यथा सुझाव देने वाला कोई भी दावा धोखाधड़ी वाला हो सकता है।
PRP (Platelet-rich plasma)
प्लेटलेट-समृद्ध प्लाज्मा एक उपचार है जो आपके शरीर को ठीक करने और नई रक्त वाहिकाओं को विकसित करने में मदद करने के लिए आपके रक्त के एक हिस्से जिसे प्लेटलेट्स कहा जाता है, का उपयोग करता है। ईडी जैसी कुछ स्थितियों के इलाज के लिए अध्ययनों में इसका परीक्षण किया गया है, लेकिन कई बुरी प्रतिक्रियाओं की सूचना नहीं मिली है।
एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने कहा कि पीआरपी थेरेपी यौन समस्याओं वाले पुरुषों की मदद कर सकती है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि अधिक शोध की आवश्यकता है क्योंकि जिन अध्ययनों पर उन्होंने गौर किया वे छोटे थे और बहुत लंबे समय तक नहीं चले, और कुछ ने उपचार की तुलना अन्य विकल्पों से नहीं की।
भले ही हम इस नए उपचार को आज़मा सकते हैं, लेकिन हमें वास्तव में सावधान रहने की ज़रूरत है क्योंकि इसका अभी भी परीक्षण किया जा रहा है।
वैस्कुलर स्टेंट
वैस्कुलर स्टेंट विशेष ट्यूब की तरह होते हैं जो हमारी रक्त वाहिकाओं में समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। उनका उपयोग हृदय रोग के इलाज के लिए किया गया है, और ऐसी संभावना है कि वे ईडी नामक स्थिति के इलाज में भी मदद कर सकते हैं। कुछ छोटे परीक्षणों ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने के लिए बड़े परीक्षणों की आवश्यकता है कि क्या स्टेंट सुरक्षित हैं और लंबी अवधि में ईडी के लिए अच्छा काम करते हैं।
पेनाइल इम्प्लांट
पेनाइल इम्प्लांट एक चिकित्सा प्रक्रिया है जो उन लोगों की मदद करती है जिनके लिंग में समस्या है। इसमें लिंग को बेहतर काम करने के लिए शरीर में कुछ डालना शामिल है। कभी-कभी, जब कोई बहुत बुरी तरह से घायल हो जाता है, तो डॉक्टर उन्हें बाथरूम जाने और पहले की तरह सेक्स करने में मदद करने के लिए एक नया लिंग और अंडकोश भी दे सकते हैं।
हर बार जब कोई डॉक्टर प्रत्यारोपण करता है, तो वे यह पता लगाते हैं कि लंबे समय तक इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति के लिए यह कितना सुरक्षित और प्रभावी है।
शॉकवेव थेरेपी-Shockwave therapy
शॉकवेव थेरेपी एक ऐसा उपचार है जो शरीर में रक्त प्रवाह की समस्याओं के कारण होने वाले स्तंभन दोष में मदद करने के लिए कोमल शॉकवेव्स का उपयोग करता है। वैज्ञानिक यह देखने के लिए अध्ययन कर रहे हैं कि क्या यह इस समस्या से जूझ रहे लोगों की मदद कर सकता है।
शॉकवेव थेरेपी लिंग को स्वस्थ बनाने और नई रक्त वाहिकाओं को विकसित करने में मदद करने के लिए कोमल ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है।
भले ही ईडी के लिए शॉकवेव थेरेपी पर शोध को सकारात्मक माना जाता है, लेकिन इसे अभी तक उपचार के रूप में आधिकारिक तौर पर अनुमोदित नहीं किया गया है। हमें अभी भी और अधिक परीक्षण करने और यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी रखने की आवश्यकता है कि यह सुरक्षित है और अच्छी तरह से काम करता है।
FAQ
लिंग में ढीलेपन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. लिंग में ढीलापन क्यों आता है?
- लिंग में ढीलापन उम्र बढ़ने, कुछ बीमारियाँ या पिछली चोटों के कारण हो सकता है।
2. क्या कभी-कभी लिंग का ढीलापन महसूस होना सामान्य है?
- उत्तेजना के स्तर और थकान, नींद, भूक जैसे कारकों के कारण लिंग की कठोरता में भिन्नता का अनुभव होना असामान्य नहीं है।
3. क्या ज्यादा हस्तमैथुन करने से लिंग में ढीलापन आ सकता है?
- बार-बार या कठोर हस्तमैथुन करने से अस्थायी रूप से ढीलापन हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर कोई स्थायी प्रॉब्लम नहीं है।
4. वजन बढ़ने से लिंग की जकड़न पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- अधिक वजन बढ़ने से रक्त प्रवाह और लचीलेपन पर असर पड़ सकता है, जिससे लिंग में ढीलापन महसूस हो सकता है।
5.कौन से व्यायाम हैं जो पेनिस में ढीलापन को सुधारने में मदद कर सकते हैं?
- केगेल व्यायाम, जो पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मज़बूत करता है, पेनिस में ढीलापन में सुधार करने में मदद कर सकता है।
6. लिंग के ढीलेपन के लिए मुझे चिकित्सीय सलाह कब लेनी चाहिए?
- यदि आप लिंग की कठोरता में लगातार गिराव का अनुभव करते हैं, तो आगे के मूल्यांकन के लिए डॉक्टर से परामर्श करना उचित है।
7. क्या तनाव या चिंता लिंग के ढीलेपन में योगदान कर सकती है?
- तनाव और चिंता जैसे मनोवैज्ञानिक कारक लिंग के ढीलेपन में योगदान कर सकते हैं, लेकिन यह अक्सर अस्थायी होते हैं।
8. मैं लिंग में ढीलेपन को कैसे रोक सकता हूं?
- एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना, सुरक्षित यौन संबंध बनाना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और नियमित चिकित्सा जांच कराना, ये सभी लिंग के लिंग में ढीलेपन को रोकने में योगदान कर सकते हैं।
9. पेनिस की कमजोरी कैसे दूर करें?
लिंग की कमजोरी को दूर करने के लिए सटीक जानकारी और मार्गदर्शन का होना महत्वपूर्ण है। इसमें स्वस्थ आहार पर ध्यान देना, नियमित व्यायाम करना और जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेना शामिल है।
10. पेनिस में ढीलापन के क्या कारण हो सकता है?
उम्र, शारीरिक स्वास्थ्य, भावनात्मक भलाई और साथी के साथ रिश्ते की गुणवत्ता जैसे विभिन्न कारक लिंग में ढीलेपन में योगदान कर सकते हैं। स्तंभन दोष हार्मोनल असंतुलन, उच्च स्तर के तनाव, साथी के साथ संतुष्टि की कमी, साथी के प्रयास की कमी या मनोवैज्ञानिक मुद्दों के कारण हो सकता है।
11. पेनिस में ढीलापन के लक्षण क्या हो सकते हैं?
लिंग में ढीलापन विभिन्न लक्षणों का कारण बन सकता है जैसे कमजोर यौन प्रदर्शन, पुरुष उत्तेजना में कमी, लिंग में थकान और कमजोरी और उचित प्रेरणा प्राप्त करने में कठिनाई।
12. पेनिस में ढीलापन का समाधान क्या हो सकता है?
लिंग के ढीलेपन के इलाज के लिए कई उपचार हैं, जिनमें होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और एलोपैथिक उपचार के साथ-साथ सर्जिकल विकल्प भी शामिल हैं। स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना, आवश्यक पोषक तत्वों का सेवन करना और रिश्तों और गतिविधियों को पूरा करने में संलग्न रहना महत्वपूर्ण है। योगाभ्यास भी इस समस्या से निपटने में मदद कर सकता है। इस समस्या का अनुभव करने वाले लोगों को डॉक्टर से परामर्श करने और उनके मार्गदर्शन का पालन करने की सलाह दी जाती है।
13. क्या खुद परीक्षण करके पेनिस में ढीलापन को पहचाना जा सकता है?
स्तंभन दोष को कभी-कभी आत्म-परीक्षण के माध्यम से पहचाना जा सकता है। इस स्थिति के लक्षणों में इरेक्शन पाने या बनाए रखने में परेशानी, सेक्स के दौरान उत्तेजना में कमी, या लिंग की कठोरता में बदलाव शामिल हो सकते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि कभी-कभी इन लक्षणों का अनुभव करने का मतलब यह नहीं है कि पेनिस में ढीलापन है और वे तनाव, थकान या दवा के दुष्प्रभाव जैसे विभिन्न कारकों के कारण हो सकते हैं। यदि आप अपने लिंग के ढीले होने को लेकर लगातार चिंतित हैं, तो उचित निदान के लिए डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है। वे मूल कारण की पहचान कर सकते हैं और किसी भी समस्या के समाधान के लिए उपयुक्त उपचार सुझा सकते हैं।
14. पेनिस में ढीलापन के उपचार के विभिन्न तरीके क्या हो सकते हैं?
स्तंभन दोष के लिए विभिन्न उपचार हैं जिन्हें व्यक्ति के स्वास्थ्य और पेनिस में ढीलापन के कारणों के अनुरूप बनाया जा सकता है। वियाग्रा और सियालिस जैसी दवाओं का उपयोग आमतौर पर लिंग में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है, जबकि व्यायाम, आहार और तनाव प्रबंधन जैसे जीवनशैली में बदलाव भी यौन क्रिया को बढ़ाने में प्रभावी हो सकते हैं।
थेरेपी या परामर्श उन मनोवैज्ञानिक कारणों को ठीक करने में मदद कर सकता है जो स्तंभन दोष की जड़ बन सकते हैं, जबकि लिंग प्रत्यारोपण या इंजेक्शन जैसे चिकित्सा उपचार अधिक गंभीर मामलों के लिए विकल्प हो सकते हैं।